रविवार, 23 नवंबर 2008

बाढ़ राहत अभियान से दो संस्मरण


अरे- अरे ये क्या कर रहे हो? उतरो, पीछे हटो- पीछे हटो. सबको पीछे करो. बोट जोरों से हिल रही थी. एक बार तो हम सब घबरा गए कि कहीं बोट उलट ना जाए फ़िर रिलीफ पैकेटों को नीचे रखकर, अब हम उन सबों को पीछे करने लगे जो कमर तक के पानी में रिलीफ पैकेट लेने के लिए बोट को घेर कर खड़े थे. खैर जल्द ही... (आगे पढने के लिए यहाँ क्लिक करें)
- अनिल वर्मा

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