बुधवार, 3 दिसंबर 2008

कैसे होता है व्यक्तित्व विकास-2


हम आगे की ओर बढ़ते हैं-
सुनने, देखने, बोलने, सोचने और याद रखने की शक्ति का हम एक गुलदस्ता बना लेते हैं, और इस गुलदस्ते को जो व्यक्ति साफ, सुन्दर स्वच्छ रख पाता है उसके व्यक्तित्व में निखार स्वतः ही आ जायेगा।
सुनने के बाद किस प्रकार की प्रतिक्रिया की जानी चाहिये।
देखने के बाद अपने आपको किस रूप में प्रदर्शित किया जाना चाहिये।
बोलने के पहले विषय वस्तु की पूरी जानकारी कर लेना।
सोचे वैगर नही बोलना।
और किसी बात को या व्यक्ति को याद रखना।
ये इस प्रकार की क्रिया है जो हमें रोज नये -नये अनुभवों से गुजारती है।
आप आज से ही इस गुलदस्ते को सजाने का प्रयास करें। सफलता जरूर मिलेगी


कैसे होता है व्यक्तित्व विकास-3 जारी......


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- शम्भु चौधरी, कोलकाता. फोन. 0-9831082737

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