मंगलवार, 4 नवंबर 2008

चलते चलते

इस ब्लॉग को प्रारम्भ करने का उद्देश्य शुरुवात से ही स्पष्ट है। मंच कि दशा और दिशा पर चर्चा करना। मंच यात्रा कि समीक्षा करना और इन बिषयों पर विचार मंथन प्रारम्भ करना। विचार मंथन या समीक्षा की प्रक्रिया में नेतृत्व द्वारा किए गए कुछ कार्यो से या निर्णयों से लेखकों और विचारकों की असहमति भी हो सकती है। उन असहमतियों को भी इस ब्लॉग के माध्यम से नेतृत्व तक पहूंचाया जा सकता है। पर असहमति कार्यो और निर्णयों तक ही रहे तभी इस संबाद यात्रा की गरीमा बनी रह सकेगी।
इसी कड़ी में एक बात और कही जानी चाहिए की असहमति को नकारात्मक बात का लेबल लगा कर आँख बंद कर लेना भी किसी नेतृत्व वर्ग को शोभा नही देता है।

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