चुनाव अधिकारी श्री बलराम सुल्तानिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद हेतु उपरोक्त उम्मीदवारों के प्रस्ताव नियमित पाए गए हैं।
इस सूचि से ऐसा लगता है की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष क्षेत्र 'ग' हेतु गोरखपुर शाखा के श्री संजय संथालिया अकेले प्रत्याशी हैं, अतः उनका निर्वाचन तय है. उनको ढेरो बधाइयाँ, उनके नेतृत्व में हमें नयी दिशा प्राप्त होगी इन्ही शुभकामनाओं के साथ
क्षेत्र 'क' के डॉ.संजय अग्रवाल ह्ट जाना चाहिये। वैसे उनको भी स्वार्थ ने घेर लिया है। ये भी अब सोचने लगे हैं कि लगे हाथ गंगा नहा ही लें। - शम्भु चौधरी, कोलकाता
डॉ.संजय अग्रवाल के बारे में शम्भू जी की टिपण्णी से मैं बिल्कुल असहमत हूँ. अगर संजय जी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनना चाहते हैं तो कसी को क्या हर्ज़ हो सकता है. इसमें स्वार्थ की बात कहाँ से आ गयी यह समझ से परे है.
डॉ.संजय अग्रवाल ने प्रांतीय अध्यक्ष में रूप में अपना सफल कार्यकाल पुरा किया है और उन्हें पुरा अधिकार है की वे राष्ट्रीय अध्यक्ष पड़ हेतु अपनी उम्मीदवारी रखें. किसे रहना चाहिए और किसे नहीं इसका निर्णय या तो मतदाता करेंगे या फिर प्रत्याशी स्वयं.
मेरे मन में डॉ.संजय अग्रवाल के प्रति सम्मान है और वो सम्मान बना रहेगा.
ओम प्रकाश जी, प्रश्न सम्मान या उम्मीदवरी का नहीं हे। यह हम लोगों के आपसी सहमती का है। बंगाल और असम के बीच एक सेतु निर्माण क है जिसे हमलोगों ने गत 20 सालों से बनाये रखा है। पिछली दफा बंगाल के उम्मीदवार के खिलाफ असम ने अपना कोई उम्मीदवार ही नहीं दिया। होना तो यह चाहिये था कि इस बार बंगाल से कोई नोमिनेशन ही नहीं जाता। अब चुकिं डॉ. संजय का नामांकन जमा हो चुका है, इसलिये यह फर्ज बनता है कि यह बात लिखी जाये कि उनको अपना नाम हटा लेना चाहिये। मानना या न मानना उनका काम है। हम तो अपनी राय ही दे सकते हैं।-शम्भु चौधरी
इस सूचि से ऐसा लगता है की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष क्षेत्र 'ग' हेतु गोरखपुर शाखा के श्री संजय संथालिया अकेले प्रत्याशी हैं, अतः उनका निर्वाचन तय है.
जवाब देंहटाएंउनको ढेरो बधाइयाँ, उनके नेतृत्व में हमें नयी दिशा प्राप्त होगी इन्ही शुभकामनाओं के साथ
- सुमित चमडिया
मुजफ्फरपुर
मोबाइल - 9431238161
क्षेत्र 'क' के डॉ.संजय अग्रवाल ह्ट जाना चाहिये। वैसे उनको भी स्वार्थ ने घेर लिया है। ये भी अब सोचने लगे हैं कि लगे हाथ गंगा नहा ही लें। - शम्भु चौधरी, कोलकाता
जवाब देंहटाएंडॉ.संजय अग्रवाल के बारे में शम्भू जी की टिपण्णी से मैं बिल्कुल असहमत हूँ. अगर संजय जी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनना चाहते हैं तो कसी को क्या हर्ज़ हो सकता है. इसमें स्वार्थ की बात कहाँ से आ गयी यह समझ से परे है.
जवाब देंहटाएंडॉ.संजय अग्रवाल ने प्रांतीय अध्यक्ष में रूप में अपना सफल कार्यकाल पुरा किया है और उन्हें पुरा अधिकार है की वे राष्ट्रीय अध्यक्ष पड़ हेतु अपनी उम्मीदवारी रखें. किसे रहना चाहिए और किसे नहीं इसका निर्णय या तो मतदाता करेंगे या फिर प्रत्याशी स्वयं.
मेरे मन में डॉ.संजय अग्रवाल के प्रति सम्मान है और वो सम्मान बना रहेगा.
ओमप्रकाश अगरवाला
ओम प्रकाश जी,
जवाब देंहटाएंप्रश्न सम्मान या उम्मीदवरी का नहीं हे। यह हम लोगों के आपसी सहमती का है। बंगाल और असम के बीच एक सेतु निर्माण क है जिसे हमलोगों ने गत 20 सालों से बनाये रखा है। पिछली दफा बंगाल के उम्मीदवार के खिलाफ असम ने अपना कोई उम्मीदवार ही नहीं दिया। होना तो यह चाहिये था कि इस बार बंगाल से कोई नोमिनेशन ही नहीं जाता। अब चुकिं डॉ. संजय का नामांकन जमा हो चुका है, इसलिये यह फर्ज बनता है कि यह बात लिखी जाये कि उनको अपना नाम हटा लेना चाहिये। मानना या न मानना उनका काम है। हम तो अपनी राय ही दे सकते हैं।-शम्भु चौधरी