मंच में चुनाव एक स्वस्थ लोकतान्त्रिक परम्परा को दर्शाता है किंतु इसका मतलब ये नहीं कि हम इस चुनाव के नाम पर किसी पर भी व्यक्तिगत टिप्पणी करना शुरू कर दे. इस ब्लॉग को जिस मकसद से मैंने ज्वाइन किया था, लगता है वो यहाँ पूरा नहीं हो सकता. अब इस ब्लॉग पर चुनाव सम्बन्धी छींटाकशी ही अधिक हो रही है. सकारात्मक सोच का अभाव दिख रहा है.
मैं इन्टरनेट, ब्लॉग और संवाद के सभी नवीन माध्यमों का पुरजोर समर्थक रहा हूँ, किंतु यह ब्लॉग जिस राह पर चल पड़ा है, उससे असहमति जताता हूँ एवं ब्लॉग ऑनर महोदय से अनुरोध करता हूँ कि मेरा नाम ब्लॉग लेखकों की सूची से हटा लें. धन्यवाद
- अनिल वर्मा, प्रांतीय महामंत्री, बिहार
बुधवार, 17 दिसंबर 2008
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बंधू बहुत जल्दी हार गए. पर आपके विचार अन्य किसी ब्लॉग पर जानने की इच्छा रहेगी ही. उम्मीद है आप ही कुछ सकारात्मक लिखेंगे. और हाँ कलात्मक भी.
जवाब देंहटाएंआपने स्वयं का ब्लॉग बना लें.
जवाब देंहटाएंक्या बात है साहब.. आप आये.. और आकर चल दिये.. जरा रुकिये.. दे्खिये..
जवाब देंहटाएं...Itni bhi kya narajgi.Kisi dusare blog se jud kar anand len.
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