बुधवार, 17 दिसंबर 2008

श्री ओमप्रकाश अगरवाला

अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच के क्षेत्र "क" के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद के एक उम्मीदवार हैं श्री ओमप्रकाश अगरवाला। ओमप्रकाश जी मंच जननी गुवाहाटी शाखा के सदस्य है। मंच के प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन में स्वयं- सेवक दल के संजोयक के रूप में इन्होने मंच में अपनी यात्रा प्रारंभ की थी।
अपनी गृह शाखा में इन्होने उपाध्यक्ष पद को भी सुशोभित किया. प्रान्तिय स्तर पर जन-संपर्क अधिकारी, प्रांतीय महामंत्री, कार्यकारिणी समिति सदस्य, प्रांतीय उपाध्यक्ष (मुख्यालय) आदि पदों पर भी इन्होने मंच सेवा का अनुभव हासिल किया है।

वर्तमान में ओमप्रकाश जी प्रांतीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं प्रांतीय अनुसाशन समिति के संयोजक के रूप में मंच को अपनी सेवाएँ दे रहे हैं। कार्यशाला प्रशिक्षक के रूप इन्होने १५ से भी अधीक कार्यशालाओं में अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराई है।

मंच के अलावा ओमप्रकाश जी ने अन्य संस्थाओं को भी अपनी सेवाएँ दी हैं। जिनमे प्रमुख है:-
१। Vice Chairman & Chairman of
Guwahati Branch of EIRC of The Institute of Chartered Accountants of India
२। Vice President of
Tax Bar Association, Guwahati
३। श्री मारवाड़ी हिन्दी पुस्तकालय, गुवाहाटी (कार्यकारिणी सदस्य, संयुक्त मंत्री)
४। अग्रवाल युवा परिषद (संस्थापक सदस्य)

पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट, श्री ओमप्रकाश अगरवाला, असम के कर सलाहकारों एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच एक जाना पहचाना नाम है। अप्रत्यक्ष कर सम्बंधित विषयों पर इन्होने काफ़ी सेमिनारों एवं गोष्ठियों में निर्दिष्ट वक़्ता के रूप में अपनी सेवाएँ दी है।

रवि अजितसरिया ,गुवाहाटी

3 टिप्‍पणियां:

  1. शाखा में अध्यक्ष पद पर कभी भी नही आना इस बात की तरफ़ इंगित करता है की कही न कही कुछ बात है . सावधान

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  2. श्रीमान anonymous महोदय को यह पता नही की श्रद्धेय प्रमोधजी सराफ भी कभी भी साखा अध्यक्ष के पद पर नही रहे लेकिन उन्होंने मंच के वरिष्ट पद पर रह कर मंच को अपनी अतुल्निय सेवाए दी.

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  3. मारवाडी युवा मंच के गुवाहाटी शाखा अध्यक्ष के रूप में मैं श्री ओमप्रकाश जी अगरवाला के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद की उम्मीदवारी हेतु अपना और अपनी शाखा सदस्यों की और से पूर्ण आस्था व्यक्त करता हूँ तथा सभी मतदाताओं से उन्हें विजयी बनने हेतु अनुरोध करता हूँ.
    किस एक साथी ने उन के बारे में एक गुमनाम पत्र इस ब्लॉग पर लिखा है, उस बिषय में मैं अपनी शाखा की और से यह कहना चाहूँगा कि ओमप्रकाश जी भले ही शाखाध्यक्ष न रहे हों, शाखा और मंच में उनका अवदान hamesha ही महत्वपूर्ण रहा है. प्रांतीय अनुशाशन समिति के संयोजक होना भी इनकी योग्यता को स्थापित करता है. sawdhan रहने की नही बल्कि स्वागत करने की बात की जानी चाहिए.
    मनमोहन सिकरिया
    गुवाहाटी शाखा

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