बुधवार, 5 नवंबर 2008

तत्काल अपनी प्रतिक्रिया देना कोई जरूरी नहीं


व्यक्तित्व विकास की कड़ी को फिर से शुरू करता हूँ। हमने पिछले लेख के समय देखा कि जब कोई बात सामने आती है तो हम सबसे पहले उस विषय के तथ्य को न समझते हुए अपनी बात कहना शुरू कर देते हैँ, क्या आपने देखा कि किसी भी नेतृत्व वर्ग ने अभी तक अपनी बात को रखा है। मंच में सबसे बड़ी कमी इसी बात की है जिसको हमें सुधारना होगा। मेरे पूर्व के लेख का उल्लेख करते हुए पुनः स्पष्ट करना चाहता हूँ कि जबतक लेखक या अन्य कोई अपनी बात को पूरी न कर ले, उस पर तत्काल अपनी प्रतिक्रिया देना कोई जरूरी नहीं था। पर मैंने पाया कि कुछ बातें प्रतिक्रियात्म स्वरूप ही सही इस लेख के बीच में नई-नई बातें आने लगी। मेरा उद्देश्य सिर्फ इतना था कि हम विवाद को तुल किस प्रकार देने लगते हैं यह बात आपको समझाना और बताना चाहता था। ना की श्री प्रमोद शाह की गलतियों की तरफ इशारा करना। श्री प्रमोद जी के लेख में कहीं कोई अप्रिय बात नहीं लिखी हुई है। इनके अब तक लिखे सभी लेखों में यह लेख सबसे बेहतर लेख है, इस लेख में मंच की जमीनी हक़ीकत को लिखने का प्रयास किया है। सच्चाई जरूर कड़वी होती है। लेकिन यह सच है कि मंच में इस तरह का चिंतन आज से 20 साल पहले शुरू हो गये होते तो हम काफी बड़ी संख्या में मंच में अनुभवी सदस्यों का उपयोग कर पाते। पर हममें कहीं कमी रही है। आईये पुनः उसी बात को नई दृष्टि से देखें:



मंच संदेश में प्रकाशित श्री प्रमोद शाह के लेख में तीन महत्वपूर्ण बातें हैं जो मंच के व्यक्तित्व को काफी ऊँचाईयों पर ले जा सकती है।


1.मंच सदस्य केवल अधिकारों की बात करके अपने-अपने कुएं न बनायें ।
2. मंच में कम्पार्टमेंटल चिन्तन या चालाकियों का प्रयोग घातक सिद्ध होगा।
3.मंच से अलग अपनी पहचान और शार्टकट की संस्कृति हम सबकी सफलता में बाधक होगी।


दोस्तों! इसी बात को पहले हमने जिस शब्दों के प्रयोग के साथ पढ़ा था, तब श्री प्रमोद जी जैसे मंच साथी के ऊपर हमने उनकी तमाम सेवा पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया था। आज पुनः उसी बात पर हमारी सोच में परिर्वतन क्यों आ गया?


आज के लेख में मुख्य-मुख्य तीन बातें आपके सामने रखी है-


1. अपनी राय/ प्रतिक्रिया देने में जल्दी न दिखायें।
2. विवाद को तुल देने की जगह उसे समझने का प्रयास करें।
3. किसी भी साथी की बात को साकारात्मक दृष्टि से ही देखने का प्रयास करें।




-शम्भु चौधरी, कोलकाता
फोन नम्बर: 0-9831082737

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें