मैं व्यक्तिगत तौर पर श्री बिनोद जी की बातों से पूर्ण रूप से सहमत हूँ कि " इसी तरह जब जाब, शादी, समस्या समाधान, मारवाड़ी समाज संबंधी समाचार आदि इस पर आने लगेंगे तो लोग मजबूरन साइट पर आने लगेंगे।" हमें नकारात्मक बातें नहीं करनी चाहिये। हमें पाँच -छः लेबल जैसे : (1) खुला मंच [जिसमें बहस, परिचर्चा] में सभी लोग भाग ले सकें। (2) सामाजिक विषयों पर लेख, मंच से सम्बन्धित लेख आदि (3) जॉब खोजे (4) शादी-विवाह जानकारी कक्ष (5) मंच समाचार (6) सूचना पट (7) विचार मंच ।
इस तरह से हमें विषय को क्रमवार कर देना चाहिये। साकारात्मक सोच का अर्थ यह भी नहीं होना चाहिये कि कोई सदस्य अपनी बात रखना चाहता हो तो उसे न रखने दिया जाय। हम हर बात को नकारात्मक तरीके से कबतक लेते रहेंगे ? नकारात्मक शब्द की कोई सीमा हो तो स्पष्ट कर देनी चाहिये।
आपका ही
शम्भु चौधरी
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